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एक मुलाकात न्यूमेरोलॉजिस्ट संगीता शुक्ला से

The famous name in numerology is Count Lewis, which most people know as Kiro.

Numerologist Sangeeta Shukla | Numerologist in Delhi/NCR

ज्योतिष एक विस्तृत विषय है और इसकी कई शाखाएं हैं, अंक ज्योतिष भी इसकी एक शाखा है। न्यूमेरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष और अंकों की दुनिया एक जादूई दुनिया है जिसमें आपके गुण, आपकी भविष्यवाणी और व्यक्तित्व की जानकारी बताने की अद्भुत शक्ति है। अंक ज्योतिष में प्रसिद्ध नाम है काउंट लुईस का जिसे ज्यादातर लोग कीरो के नाम से जानते हैं। कीरो की अनेक भविष्यवाणियां सत्य हुई हैं और इनके द्वारा लिखी हुई किताबें आज भी काफी बिकती हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कीरो ने ही अंक ज्योतिष को मशहूर किया है। इन दिनों न्यूमेरोलॉजी विशेषज्ञ (न्यूमेरोलॉजिस्ट) के रूप में एक और नाम चर्चित है श्रीमती संगीता शुक्ला का।

न्यूमेरोलॉजिस्ट श्रीमती शुक्ला अनेक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं।

प्रख्यात लेखिका, समाजसेविका, विचारक एवं भाषाविद श्रीमती शुक्ला ने कम समय में न्यूमेरोलॉजी के माध्यम  से अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की है, जो सत्य साबित हुई हैं। वे नई दुनिया, जनसत्ता एवं नवभारत टाइम्स जैसे राष्ट्रीय दैनिकों के अलावा अनेक पत्र-पत्रिकाओं में स्तंभकार हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘प्रेरणामूर्ति नरेन्द्र मोदी’ पुस्तक लिखी जो गुजराती, हिंदी एवं अंग्रेजी में छपी एवं चर्चित हुई। नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘ज्योतिपुंज’ का गुजराती से हिन्दी में अनुवाद भी किया। श्रीमती शुक्ला अनेक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं।

अंक ज्योतिष के अनुसार कैसा रहेगा वर्ष 2021 | According to numerology how will the year 2021

संगीता शुक्ला कैसा रहेगा वर्ष 2021 की चर्चा करते हुए कहती है कि वर्ष 2020 चला गया और 2021 का आगमन हो गया है। न्यूमेरोलॉजी के अनुसार वर्ष 2020=4 नंबर जो कि ‘राहु’ का था, इसलिए बहुत ही ज्यादा परेशानियों वाला रहा, लेकिन खुश हो जाइए क्योंकि वर्ष 2021=5 यानी बुध का नंबर। जो सभी को बैलेंस रखता है और सभी के साथ मिलजुल कर रहता है। यही एक ऐसा नंबर है जिसका कोई भी शत्रु नंबर नहीं है। इसलिए यह वर्ष सभी जातकों के लिए जीवन में कुछ न कुछ अच्छा जरूर लेकर आएगा।

सुदीर्घ अध्ययन एवं अनुसंधान करने के बाद श्रीमती शुक्ला ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अंक ज्योतिष यानी न्यूमेरोलॉजी यह एक महत्वपूर्ण विद्या है, जिसके द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है। अंक ज्योतिष में अंकों के माध्यम द्वारा गणित के नियमों का व्यावहारिक उपयोग करके मनुष्य के विभिन्न पक्षों, उसकी विचारधारा, जीवन के विषय इत्यादि का विशद विवरण प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है। अंक ज्योतिष को अंक विद्या या अंक शास्त्र और संख्या शास्त्र इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है। अंक शास्त्र में नौ ग्रहों को आधार बनाकर उनकी विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। जिस तरह जन्म कुंडली में ग्रहों का प्रभाव कार्य करता है, उसी प्रकार अंक ज्योतिष में अंकों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रत्येक नंबर किसी न किसी ग्रह से जुडा हुआ है, जैसे अंक 1 सूर्य का, अंक 2 चन्द्र का तथा अंक 3 बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है। अंक ज्योतिष में 1 से 9 तक के अंक को शामिल किया गया है, इसमें शून्य (०) को सम्मिलित नहीं किया गया है।

Which planet would be affected by which number?

श्रीमती शुक्ला बताती हैं कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है और यही नौ ग्रह मनुष्य के जीवन पर अपना प्रभाव डालते हैं। जन्म के समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, उसी के अनुसार उस व्यक्ति का व्यक्तित्व निर्धारित हो जाता है। इसलिए, जन्म के पश्चात व्यक्ति पर उसी अंक का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, जो कि व्यक्ति का स्वामी होता है। यदि एक व्यक्ति का अंक किसी दूसरे के अंक के साथ मेल खा रहा हो तो दोनों व्यक्तियों के मध्य एक अच्छा संबंध बनता है।

श्रीमती शुक्ला बताती है कि अंक ज्योतिष के अनुसार, हमारे जीवन में मुख्यतः तीन तरह के अंक प्रभावित करते हैं- मूलांक, भाग्यांक और नामांक। किसी भी जातक का मूलांक उनकी जन्म तिथि को जोड़कर आता है। मूलांक तथा भाग्यांक स्थिर होते हैं, इनमें परिवर्तन सम्भव नहीं क्योंकि किसी भी तरीके से व्यक्ति की जन्म तारीख बदली नहीं जा सकती। नामांक बदले जा सकते हैं। अंक ज्योतिष में प्रत्येक अक्षर का एक अंक है जैसे A = 1, B =2 इत्यादि। अंक ज्योतिष में नाम के हिज्जे बदल कर नामांक को मूलांक और भाग्यांक के अनुसार लक्की बनाया जा सकता है। उनका दावा है अंक ज्योतिष की सहायता से किस्मत को अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है।

History of numerology in Hindi | Number Rule the Universe

यदि हम अंक ज्योतिष का इतिहास को जानने का प्रयास करें तो श्रीमती शुक्ला के अनुसार पायेंगे कि इसका इतिहास 10,000 वर्ष पूर्व से भी पहले का रहा होगा, मिस्र, बेबीलोन और ग्रीस में इनकी जड़ों का पनपना आरंभ हुआ तथा पाइथागोरस के कार्यों द्वारा इन्हें प्रमुखता प्राप्त हुई। कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है। मिस्र के महान गणितशास्त्र पाइथागोरस ने अंकों की महत्ता के विषय में (The great mathematician Pythagoras wrote about the importance of numbers.) इस तथ्य का अनुमोदन किया कि ‘नंबर रूल दी यूनिवर्स’ अर्थात अंक ब्रह्मांड पर राज करते हैं।

देखा जाये तो पूरा जीवन ही अंकों का खेल है लेकिन अंक ज्योतिष के माध्यम से आपके भाग्य का सटीक आकलन किया जा सकता है। अंक ज्योतिष को अंक विज्ञान भी कहा जा सकता है। हर व्यक्ति का उसकी जन्म तिथि के हिसाब से कोई ना कोई मुख्य अंक होता है। वह अंक उसके जीवन में कहां-कहां लाभ और कहां-कहां नुकसान पहुँचा सकता है और अंक स्वामी किस समय आपको कहां और क्या लाभ दिला सकते हैं इन सबकी गणना बड़े वैज्ञानिक तरीके से अंक ज्योतिष में की जाती है।

संगीता शुक्ला के अनुसार अंक ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के नाम के अक्षर अंग्रेजी में लिखकर प्रत्येक अक्षर की अंक गणना करके नाम का नामांक प्राप्त किया जाता है तथा जन्म, तारीख, माह एवं वर्ष के अंकों का योग करके भाग्यांक प्राप्त किया जाता है तथा उसके द्वारा भविष्यवाणी की जाती है। ज्योतिष शास्त्र जैसी कठिन गणना करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, अंकशास्त्र में जन्म के समय की जानकारी न भी हो तब भी जन्म तारीख व नाम के आधार पर ही व्यक्ति के व्यवसाय, मित्रों, भागीदारों, उसके जीवन के उतार-चढ़ावों तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण समय के लाभ व हानि संबंधी बहुत सी बातें अंकशास्त्र के ज्योतिष ज्ञान में निपुणता प्राप्त की जा सकती है। बहुत ही सरल उपायों के द्वारा जो ग्रह आपके अनुरूप नहीं है उसे अनुरूप बनाया जा सकता है और सकारात्मक परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।

The spelling of the name is not considered in astrology, but it is also recognized in numerology.

ज्योतिष शास्त्र में नाम का स्पेलिंग पर ध्यान नहीं दिया जाता है, लेकिन अंकशास्त्र में उसे भी पहचाना जाता है जो कि इस शास्त्र का मास्टर स्ट्रोक है, क्योंकि यदि आपके स्टार भी सही है, फिर भी आपको सफलता नहीं प्राप्त होती तो इसका मतलब है आपकी नाम की स्पेलिंग में गड़बड़ है। आपने देखा होगा कि कई फिल्मों के नाम की स्पेलिंग में कोई न कोई लेटर, ए, बी, सी…… या कुछ भी उसकी वेल्यू को बढ़ाने के लिए दो बार लिखते हैं। इससे उस नाम की वेल्यू बैलेंस हो जाती है और उसे सफलता मिलती है।

नाम की स्पेलिंग का एक अन्य उदाहरण टाटा की ‘नैनो’ गाड़ी क्यों पिटी। यह कार छोटी सी प्यारी सी, सब कुछ इसमें अच्छा था, दाम भी कम थे, साधारण लोग भी खरीद सकते थे, लेकिन इसकी नाम की स्पेलिंग में गड़बड़ थी, जिसके कारण वह मार खा गई और ज्यादा नहीं चल पाई और मारूति की ‘अल्टो’ गाड़ी जो नाम की स्पेलिंग परफेक्ट होने के कारण साधारण होते हुए भी खूब चली। इसलिए बिजनेस में प्रोडक्ट का नाम भी बहुत मायने रखता है।

इतना ही नहीं यदि मोबाइल नंबर का जोड़ भी गलत नंबर पर आता है, यानी शत्रु नंबर पर तो भी सफलता में वह अड़चन डालता है। यह सभी साधारण सी बाते हैं।

– ललित गर्ग

Lalit Garg
Lalit Garg

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