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संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस के लिए 140 देशों के युवाओं ने बनाई साहसिक जलवायु संधि

Mock COP26: youth organise own climate conference, produce treaty with demands to world leaders

नई दिल्ली 2 दिसंबर – लगभग डेढ़ सौ देशों के सवा तीन सौ से ज़्यादा युवाओं ने कल मंगलवार को दुनिया भर के तमाम नेताओं और सरकारों से, एक खुले पत्र के माध्यम से, व्यावहारिक, प्रगतिशील और युवा केंद्रित जलवायु नीतियों को लागू करने का आग्रह किया।

इस क्रम में COP26 की तर्ज़ पर, मॉक COP26 जो कि एक अंतरराष्ट्रीय युवा-नेतृत्व वाला जलवायु सम्मेलन है, के दौरान 140 देशों के प्रतिभागियों ने COP26 के लिए उच्च स्तरीय जलवायु कार्रवाई चैंपियन निजेल टॉपिंग को अपनी बनाई संधि के दस्तावेज़ इस उद्देश्य से दिए कि वो उनकी बात दुनिया भर की सरकारों तक पहुंचाएंगे और आग्रह करेंगे कि तमाम देश अपनी जलवायु महत्वाकांक्षा और कार्रवाई को बढ़ाएं।

Mock COP26 Declaration: Youth urge world leaders to adopt climate treaty

युवाओं की यह मॉक COP26 संधि दरअसल उन 18 नीतियों को रेखांकित करती है जिन्हें ये युवा चाहते हैं कि नीति निर्माता ग्लासगो में होने वाली वास्तविक COP26 में प्राथमिकता दें। इस संधि की नीतिगत सिफारिशें, जो कि पिछले दो सप्ताह में भाषणों और वार्ताओं के माध्यम से विकसित हुई हैं, मूल्यतः छह विषयों को कवर करती हैं। यह विषय हैं जलवायु शिक्षा, जलवायु न्याय, स्वास्थ्य और भलाई, जलवायु लचीला समुदाय, राष्ट्रीय कार्बन कटौती लक्ष्य और जैव विविधता की रक्षा।

After two weeks of negotiations, Mock COP26 delegates from 140 countries have agreed a formal treaty setting out 18 bold climate and ecological policies for world leaders to urgently adopt.

मॉक COP26 में दक्षिण अमेरिका के गुयाना के प्रतिनिधि सुपन दाश-अललेने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं,

“यह साल बेहद महत्वपूर्ण फ़ैसलों के लिए रहा और ख़ास तौर से जलवायु प्रैवार्त्न के ख़िलाफ़ मज़बूत फैसलों वाला रहा 2020। ऐसा साल जब विश्व नेताओं ने अपने शब्दों को कार्यों में बदल दिया। लेकिन फ़िलहाल जलवायु प्रलय का खतरा दूर नहीं हुआ है।”

आगे, मॉक COP26 की प्रासंगिकता बताते हुए वो कहते हैं,

“मॉक COP26 दुनिया के नेताओं को एक मजबूत संदेश भेजता है कि युवा भी वैश्विक वार्ताओं का समन्वय कर सकते हैं और हमारे पास भी समाधान हैं। अब वक़्त हमारा है हमारे भविष्य के लिए फैसले लेने का और हमारी भी भागीदारी होनी चाहिए।”

Mock COP26 delegate survey

इन युवाओं को क़ानूनी सलाह और तमाम निष्कर्षों को संधि की शक्ल देने में इनकी मदद की क्लाइंटएर्थ और COP26andbeyond के वकीलों की एक टीम ने। क्लाइंटएर्थ के सीईओ और संस्थापक जेम्स थॉर्नटन ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा,

“इन युवाओं ने दुनिया के नेताओं को एक बेहद ठोस सन्देश दिया है। अब सरकारों को सोच समझ कर फैसले लेने चाहिए क्योंकि उनके द्वारा लिए गए निर्णय आने वाले कई वर्षों के लिए नयी पीढ़ी को प्रभावित करेंगे।”

यदि मॉक COP26 संधि को अपनाया जाता है, तो सरकार IPCC की सिफारिश के अनुरूप ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध होगी, और उत्सर्जन के प्रतिबंध पर प्रतिबंध लगा देगी। सरकारें वायु गुणवत्ता पर मजबूत विनियमन के लिए भी प्रतिबद्ध होंगी, जिससे प्रदूषणकारी उद्योगों को सुरक्षित और सांस की हवा की गारंटी देने के लिए उनके उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।

संधि में, मॉक COP26 प्रतिनिधियों ने सरकारों से किसानों को ऐसी प्रथाओं से दूर करने के लिए नीतिगत उपायों को शामिल करने का आह्वान किया है जो मिट्टी, पानी, ईंधन की कटाई, और जैव विविधता के लिए हानिकारक हैं। प्रतिनिधि भी मानव गतिविधि द्वारा पर्यावरण के बड़े पैमाने पर विनाश और क्षति का अपराधीकरण करने के लिए ईकोसाइड पर एक दूरगामी कानून का आह्वान कर रहे हैं।

दो सप्ताह के इस सम्मेलन में जलवायु संकट से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों की आवाज़ों को प्राथमिकता दी गई है। ग्लोबल साउथ के लोगों ने 72% प्रतिनिधि बनाए और इन देशों का समर्थन सुनिश्चित करने के लिए संधि जारी है। प्रतिभागियों की औसत आयु 22 वर्ष की थी और 63% महिला या गैर-बाइनरी थीं।

अगले 12 महीनों में, मॉक COP26 प्रतिनिधि और स्वयंसेवक अपने चुने हुए राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ जुड़ेंगे, ताकि वे नीतिगत मांगों को लागू करने का आग्रह कर सकें। युवा जलवायु कार्यकर्ताओं का लक्ष्य अगले वर्ष नई और प्रगतिशील घरेलू जलवायु नीतियों के कार्यान्वयन से है, जो COP26 तक की महत्वाकांक्षा को बढ़ाते हैं।

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