विश्व के शीर्ष 02 % शोधकर्ताओं में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी के 16 वैज्ञानिक
16 scientists from the Indian Institute of Chemical Technology among the top 02% of the world’s researchers
नई दिल्ली, 06 नवंबर 2020 : वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) को रसायन विज्ञान एवं रासायनिक प्रौद्योगिकी में उत्कृष्ट शोध एवं विकास के लिए जाना जाता है। दवाओं के विकास में भी इस संस्थान की भूमिका बेहद अहम रही है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक ताजा अध्ययन में आईआईसीटी को न केवल सीएसआईआर के सर्वोच्च संस्थान के रूप में नामित किया गया है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे इस संस्थान के 16 वैज्ञानिकों को विश्व के शीर्ष 02% शोधकर्ताओं में शुमार किया गया है।
The study has been published in the research journal Plos Biology.
यह अध्ययन शोध पत्रिका प्लॉस बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों की रैंकिंग उनके शोध प्रकाशनों, साइटेशन, एच-इंडेक्स मैट्रिक्स इत्यादि के आधार पर की गई है।
इस संबंध में आईआईसीटी द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत के बहुत कम अकादमिक एवं शोध संस्थानों के शोधकर्ता विश्व के शीर्ष 02 प्रतिशत शोधकर्ताओं में शामिल हैं।
बायोटेक्नोलॉजी के शोधकर्ता डॉ एस.वेंकट मोहन, जनरल केमिस्ट्री में डॉ दर्शन रंगनाथन, मैटेरिल साइंस में डॉ एस.वी. मनोरमा, मेडिसिनल एवं बायोमॉलिक्यूलर केमिस्ट्री में डॉ अहमद कमाल, डॉ सी. गणेश कुमार, डॉ अशोक कुमार तिवारी एवं डॉ जे.वी. राव, ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ जे.एस. यादव, डॉ जी. सबिता, डॉ बिस्वनाथ दास, डॉ एस. चंद्रशेखर (वर्तमान निदेशक), डॉ एच.एम. मेश्राम, डॉ बी.वी. सुब्बा रेड्डी, फिजिकल केमिस्ट्री में डॉ बी.एम. रेड्डी, पॉलिमर्स के क्षेत्र में डॉ एस. पलानीअप्पन और नैनो साइंस तथा नैनो टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता डॉ चितरंजन पात्रा आईआईसीटी के उन वैज्ञानिकों में हैं, जिनके नाम शीर्ष शोधकर्ताओं में शामिल किए गए हैं।
इन 16 वैज्ञानिकों के अलावा, आईआईसीटी के पूर्व निदेशक डॉ एम. लक्ष्मीकांतम, पूर्व उप-निदेशक डॉ बी.एम. चौधरी और पूर्व उप-निदेशक डॉ टी.के. चक्रबर्ती के नाम भी ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के क्षेत्र में उनके शोध कार्यों के लिए इस सूची में शामिल किए गए हैं।
आईआईसीटी को आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत विभिन्न प्रौद्योगिकियों के व्यावसायिक उत्पादन हेतु उद्योगों को हस्तांतरित करने के लिए प्रमुखता से जाना जाता है।
संस्थान द्वारा हाल में कोविड-19 से जुड़ी दवाओं की निर्माण प्रक्रिया भी उद्योगों को हस्तांतरित की गई है। आईआईसीटी की हाइड्राजीन हाइड्रेट प्रौद्योगिकी, बायोगैस उपयोग के लिए एजीआर प्रौद्योगिकी, जल शुद्धिकरण के लिए नैनो मेम्ब्रेन तकनीक और फेरोमोन एप्लीकेशन जैसी तकनीकें कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं, जिसने आत्मनिर्भर भारत अभियान में व्यापक रूप से अपना योगदान दिया है।
आईआईसीटी के निदेशक डॉ एस. चंद्रशेखर ने संस्थान के वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है और उन्हें बधाई दी है।
(इंडिया साइंस वायर)
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