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दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 फंड की चोरी और अवैध बेदख़ली के ख़िलाफ़ झोपड़ीवासियों की विरोध रैली

झोपड़ीवासी न केवल त्वरित जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, बल्कि चोरी किए गए धन की वसूली और लोगों को इसके पुनर्वितरण की भी मांग कर रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका के झोंपड़ी वासियों का आंदोलन ‘अबाहाली बेसमजोंडोलो’ {movement of south african slums Abahlali baseMjondolo (AbM, Zulu pronunciation: [aɓaˈɬali ɓasɛm̩dʒɔˈndɔːlo], in English: “the people of the shacks”)} क्वाज़ुलु-नटाल में COVID-19 फंड में करोड़ों की चोरी का विरोध करने के लिए डरबन शहर में एक मार्च का आयोजन कर रहा है। इस प्रांत की पहचान देश के दूसरे सबसे भ्रष्ट प्रांत के रूप में की गई है।

अबाहाली के सदस्य, जो देश में आवास के अधिकारों के लिए संघर्ष में सबसे आगे रहे हैं। वे आज सोमवार 19 अक्टूबर को सुबह किंग दीनुजुलु पार्क (Park King Dinuzulu,) में इकट्ठा होकर और डरबन सिटी हॉल की तरफ मार्च करेंगे। यहां वे प्रांत के प्रमुख सिहले ज़िकलाला और इसके कार्यकारी परिषद के सदस्य सिप्हो ह्लोमुका को एक ज्ञापन सौंपेंगे।

इस ज्ञापन में न केवल त्वरित जांच और दोषियों की गिरफ़्तारी की मांग की गई बल्कि चोरी किए गए धन की वसूली और लोगों को इसके पुनर्वितरण की भी मांग की गई है जिनके संरक्षण के लिए मूल रूप से धन आवंटित किया गया था।

महामारी के दौरान बस्तियों से अवैध रूप से निकाले गए परिवारों के पुनर्वास, उनके झोंपड़ियों को नष्ट करने के मुआवजे और इसको नष्ट करने में शामिल अधिकारियों पर मुक़दमा चलाने की अबाहाली मांग करता है।

इस आंदोलन के सदस्य, जो शहरी ग़रीबों को घर बनाने के लिए अप्रयुक्त भूमि पर कब्जा करके और मकान बनाने के लिए आवास के अधिकारों को आगे बढ़ाते रहे हैं, वे साल 2005 में इसकी स्थापना के बाद से इस तरह के विध्वंस का शिकार होते रहे हैं।

लॉकडाउन के दौरान बेदखली के ख़िलाफ़ स्थगन (postponement against eviction during lockdown) के बावजूद ‘eThekwini’ नगर पालिका निजी सुरक्षा कंपनियों का इस्तेमाल करके हिंसक तरीके से तोड़ फोड़ करती रही है। इसके कर्मी अक्सर गोलियां चलाते हैं जिससे कई लोग घायल हुए।

कई बार, निर्माण सामग्री जैसे तिरपाल आदि को झोंपड़ियों को फिर से बनाने से रोकने के लिए नष्ट करने के बाद जला दी जाती है।

कई परिवारों को सड़क के किनारे छोड़ दिया गया है जहां से उन्हें ‘घर में रहने के आदेश’ का उल्लंघन करने के लिए गिरफ़्तार किया गया है।

यह झोंपड़ियों में रहने वाले वही लोग हैं जो फंड की चोरी से भी सबसे ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि वे ऐसे वर्ग हैं जो महामारी की चपेट में सबसे अधिक हैं।

हालांकि इस समाज को ज़िंदगी गुज़ारने की भयावह और खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, eThekwini की जल और स्वच्छता इकाई की जांच टेंडर फ्रॉड को लेकर की जा रही है जहां 700 मिलियन तक की कथित तौर पर ओवरप्राइस्ड टेंडर और अनडिलिवर्ड गुड्स के माध्यम से कथित तौर पर चोरी की गई है।

पीपल्स डिस्पैच

(न्यूजक्लिक में प्रकाशित समाचार का संपादित रूप साभार)

TopicsSouth Africa, COVID-19, Covid fund, Slum protest rally, Lockdown

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